दिव्य शक्ति ट्रस्ट एक प्रतिष्ठित धार्मिक और सामाजिक संगठन है, जो हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार, संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है। यह ट्रस्ट न केवल हिंदू धर्म की महान परंपराओं और मूल्यों को बढ़ावा देता है, बल्कि पूरे विश्व में मानवता, प्रेम और धार्मिक सौहार्द्र फैलाने का कार्य भी करता है। हिंदू धर्म की रक्षा और सनातन संस्कृति का संवर्धन इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है। वर्तमान समय में जहां हिंदू संस्कृति और परंपराओं को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दिव्य शक्ति ट्रस्ट इन चुनौतियों का समाधान करने और हिंदू धर्म की पवित्रता बनाए रखने के लिए निरंतर लाने का कार्य भी करता है।
यह ट्रस्ट विभिन्न हिंदू संप्रदायों और परंपराओं को एक मंच पर लाने का कार्य करता है। सनातन धर्म के सभी पहलुओं को आत्मसात करते हुए, यह संगठन समाज में धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के लिए कार्यरत है। "वसुधैव कुटुंबकम्" की भावना को अपनाते हुए, दिव्य शक्ति ट्रस्ट संपूर्ण विश्व में शांति, समृद्धि और धार्मिक सद्भाव का संदेश फैला रहा है। इसका लक्ष्य केवल हिंदू धर्म की रक्षा करना ही नहीं, बल्कि मानवता को एक नई दिशा देना भी है। "सनातन धर्म की जय हो! दिव्य शक्ति ट्रस्ट के साथ, धर्म और मानवता की सेवा में आगे बढ़ें।"
परम पूज्या गुरु माँ लाड़ली सरकार का जन्म हिमाचल प्रदेश के सराहन में हुआ, जो माँ भीमाकाली मंदिर की पावन भूमि पर स्थित है और जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित और सम्मानित परिवार से संबंध रखती हैं। गुरु माँ माँ भीमाकाली की उपासक हैं और उन्होंने सांसारिक मोह-माया को त्यागकर अपना सम्पूर्ण जीवन सामाजिक उत्थान, धर्म उत्थान और गरीबों की सहायता के लिए समर्पित कर दिया। उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शन से न केवल अनेकों भक्तों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, बल्कि समाज में धार्मिक चेतना और सेवा भाव भी विकसित हुआ। उनकी कृपा और उपरम पूज्या गुरु माँ लाड़ली सरकार न केवल एक आध्यात्मिक गुरु हैं, बल्कि वे एक प्रेरणास्रोत भी हैं, जिन्होंने अपने तप और साधना से अनगिनत लोगों का जीवन बदल दिया। उनका संदेश प्रेम, करुणा और सेवा पर आधारित है, जो मानवता को सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। वे धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत हैं और समाज में संस्कार, अध्यात्म और धार्मिक चेतना को जाग्रत करने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने न केवल गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की सहायता की, बल्कि अपने आशीर्वाद और उपदेशों से लाखों लोगों को जीवन में शांति और सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाया। उनका जीवन त्याग, तपस्या और सेवा का प्रतीक है। वे निरंतर सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और मानव कल्याण के लिए समर्पित हैं। उनका उद्देश्य केवल स्वयं की मुक्ति नहीं, बल्कि पूरे समाज का उत्थान है, जिससे हर व्यक्ति धर्म और आध्यात्मिकता से जुड़कर अपने जीवन को सार्थक बना सके।पदेशों से असंख्य लोग आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं।